विक्रय तथा विक्रय के करार Sale and Agreement of Sale in law

 विक्रय तथा विक्रय के करार को स्पष्ट कीजिए। Sale and Agreement of Sale

यह लेख "विक्रय" और "विक्रय अनुबंध" के बीच के अंतर को गहनता से समझने का प्रयास करता है। अक्सर इन शब्दों का प्रयोग गलत तरीके से किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप भ्रम और गलतफहमी पैदा हो सकती है। इस लेख में, हम दोनों अवधारणाओं की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत करेंगे, उनकी मुख्य विशेषताओं का विश्लेषण करेंगे, और उनके बीच महत्वपूर्ण अंतरों को स्पष्ट करेंगे।

Sale and Agreement of Sale in law


विक्रय की परिभाषा:

विक्रय वस्तुओं या सेवाओं के बदले में मुद्रा या किसी अन्य प्रतिफल (जैसे वस्तु विनिमय) का आदान-प्रदान करने की क्रिया है। यह एक व्यापक अवधारणा है जो विभिन्न प्रकार के लेनदेन को सम्मिलित करती है।

मुख्य विशेषताएं:

  1. तत्काल कार्यान्वयन: विक्रय में वस्तुओं या सेवाओं का तत्काल हस्तांतरण होता है।
  2. स्वामित्व का हस्तांतरण: विक्रय के क्षण से, स्वामित्व खरीदार को हस्तांतरित हो जाता है।
  3. मूल्य का भुगतान: मूल्य का भुगतान तुरंत या बाद में किया जा सकता है। यह नकदी, चेक, क्रेडिट कार्ड, या किसी अन्य स्वीकार्य माध्यम के माध्यम से किया जा सकता है।
  4. औपचारिकता: विक्रय अनौपचारिक या औपचारिक हो सकता है। अनौपचारिक विक्रय में कोई लिखित दस्तावेज नहीं होता है, जबकि औपचारिक विक्रय में रसीद, चालान, या बिक्री अनुबंध जैसे दस्तावेज शामिल होते हैं।

विक्रय अनुबंध की परिभाषा:

विक्रय अनुबंध एक लिखित समझौता है जो विक्रेता और खरीदार के बीच वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री और खरीद की शर्तों को निर्धारित करता है। यह एक कानूनी दस्तावेज है जो लेनदेन के सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है।

मुख्य विशेषताएं:

  1. भविष्य में कार्यान्वयन: विक्रय अनुबंध भविष्य में होने वाले लेनदेन से संबंधित होता है।
  2. स्वामित्व का हस्तांतरण: स्वामित्व का हस्तांतरण अनुबंध में निर्धारित शर्तों के अनुसार होता है। यह तत्काल नहीं हो सकता है।
  3. स्पष्ट शर्तें: अनुबंध में मूल्य, डिलीवरी, भुगतान की शर्तें, वारंटी, अस्वीकरण, विवाद समाधान, और अन्य महत्वपूर्ण शर्तों को स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया जाता है।
  4. लिखित प्रारूप: विक्रय अनुबंध अनिवार्य रूप से लिखित होता है।

विक्रय तथा विक्रय का करार (Sale and Agreement of Sale) !- 

"जब किसी विक्रय की संविदा में माल में निहित सम्पत्ति का हस्तान्तरण विक्रेता से क्रेता को हो जाता है तो इस संवहार को हम विक्रय कहते हैं। लेकिन जब माल में निहित सम्पत्ति का हस्तान्तरण भविष्य के किसी तारीख या-समय पर किया जाना हो. तो इसे विक्रय के लिए करार कहते हैं।

विक्रय व विक्रय के कारार में अंतर !-

विक्रय में सम्पति का हस्तान्तरण विक्रेता से क्रेता को तुरन्त हो जाता है। परन्तु विक्रय के करार में सम्पत्ति का हस्तान्तरण तुरन्त न होकर भविष्य में किसी तारीख पर होता है या किन्ही शर्तों के अधीन या इन शर्तों को पूरा किया जाने पर होता है।

विक्रय की स्थिति में क्रेता माल का स्वामी हो जाता है और यदि विक्रेता द्वारा क्रेता को माल का कन्जा नहीं दिया जाता है। तो क्रेता, विक्रेता के विरुद्ध कब्जा प्राप्त करने हेतु वाद ला सकता है जबकि विक्रय के करार में विक्रेता द्वारा क्रेता को माल न देने की दशा में क्रेता, विक्रेता के विरुद्ध कब्जा प्राप्त करने हेतु वाद नही ला सकता है।

Sec 26 के अनुसार चूंकि विक्रय में माल तुरंत क्रेता के पास चला जाता है अत: यदि माल चोरी हो जाता है या नष्ट जाता है। तो जोखिम क्रेता के ऊपर होता है। अर्थात हानि क्रेता को उठानी पड़ेगी, परन्तु विक्रय के लिए करार में चुकि माल का हस्तान्तरण किसी भावी तारीख को किया जाना होता है। और अगर इस बीच माल नष्ट हो जाता या चोरी हो जाता है तो इसका नुकसान विक्रेता को उठाना पड़ेगा।

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यहाँ कुछ मुख्य निष्कर्ष दिए गए हैं:

  • विक्रय वस्तुओं या सेवाओं के बदले में मुद्रा या किसी अन्य प्रतिफल का आदान-प्रदान करने की क्रिया है, जबकि विक्रय अनुबंध एक लिखित समझौता है जो विक्रेता और खरीदार के बीच लेनदेन की शर्तों को निर्धारित करता है।
  • विक्रय तत्काल होता है, जबकि विक्रय अनुबंध भविष्य में होने वाले लेनदेन से संबंधित होता है।
  • विक्रय में स्वामित्व का तुरंत हस्तांतरण होता है, जबकि विक्रय अनुबंध में स्वामित्व का हस्तांतरण अनुबंध की शर्तों के अनुसार होता है।
  • विक्रय अनौपचारिक या औपचारिक हो सकता है, जबकि विक्रय अनुबंध अनिवार्य रूप से लिखित होता है।
  • विक्रय अनुबंध का कानूनी महत्व विक्रय से कहीं अधिक होता है।
  • विवाद विक्रय की तुलना में विक्रय अनुबंध के तहत resolved करना आसान होता है।

अतिरिक्त टिप्पणियाँ:

  • यह लेख केवल जानकारीपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
  • यदि आपके पास कोई विशिष्ट प्रश्न है, तो आपको कानूनी पेशेवर से सलाह लेनी चाहिए।
  • विभिन्न देशों में भिन्न कानून हो सकते हैं जो विक्रय और विक्रय अनुबंधों को नियंत्रित करते हैं।

यह लेख आपको "विक्रय" और "विक्रय अनुबंध" के बीच के अंतर को बेहतर ढंग से समझने में मददगार होगा। इस आर्टिकल से  सम्बन्धित की भी प्रश्न के लिए कमेंट करे  हमसे  [email protected]


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